रोड शो छोड़कर दिव्यांग बच्ची से मिलने पहुंचे Modi Ji 😇

 

रोड शो छोड़कर दिव्यांग बच्ची से मिलने पहुंचे Modi Ji 😇

• रोड शो छोड़कर दिव्यांग बच्ची से मिलने पहुंचे Modi Ji :-



मोदी जी का वडोदरा में स्पेन के प्रधानमंत्री के साथ रोडशो चल रहा था। यह एक भव्य कार्यक्रम था, जिसमें दोनों नेताओं के स्वागत के लिए हजारों लोग सड़क किनारे खड़े थे। सड़क पर खुशियों का माहौल था, लोग तिरंगे लहराते हुए मोदी जी और उनके मेहमान का स्वागत कर रहे थे। 

तभी अचानक मोदी जी की नज़र एक दिव्यांग बच्ची पर पड़ी। वह बच्ची अपने छोटे से शरीर के साथ भी जीवन की खुशियाँ बिखेरती नजर आ रही थी। मोदी जी का दिल उस मासूम चेहरे को देखकर मचल उठा। उन्होंने तुरंत अपने काफिले को रुकवाने का आदेश दिया। यह दृश्य न केवल उपस्थित लोगों के लिए, बल्कि स्पेन के प्रधानमंत्री और उनकी टीम के लिए भी अविश्वसनीय था।

जैसे ही काफिला रुका, मोदी जी अपनी गाड़ी से बाहर आए और उस बच्ची की ओर बढ़े। बच्ची ने उन्हें देखकर एक बड़ी मुस्कान दी, और उनकी आँखों में एक विशेष चमक थी। मोदी जी ने उसे गले लगाया, उसकी हिम्मत और जीवंतता की सराहना की। इस अनपेक्षित मुलाकात ने सबका दिल जीत लिया। 

इस बीच, एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) भी हैरान रह गई। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि प्रधानमंत्री का ध्यान उस बच्ची की ओर कैसे गया। उनके सुरक्षा प्रोटोकॉल में इस तरह की आकस्मिकता शामिल नहीं थी, लेकिन मोदी जी ने अपनी संवेदनशीलता और मानवता को प्राथमिकता दी।

बच्ची से बातचीत करते हुए मोदी जी ने उसके परिवार के बारे में पूछा, उसके सपनों को जानने की कोशिश की और उसे यह विश्वास दिलाया कि हर कोई विशेष होता है, चाहे उसकी शारीरिक स्थिति कुछ भी हो। बच्ची ने मोदी जी से अपने सपनों के बारे में बताया, जिससे सब लोग उसकी बातों से अभिभूत हो गए।

यह घटना सिर्फ एक रोडशो का हिस्सा नहीं थी, बल्कि एक ऐसी प्रेरणा थी जिसने यह साबित किया कि जब हम इंसानियत को सबसे ऊपर रखते हैं, तो वह किसी भी राजनीतिक या व्यावसायिक एजेंडे से अधिक महत्वपूर्ण होती है। इस क्षण ने सभी उपस्थित लोगों को यह संदेश दिया कि समाज के हर वर्ग का सम्मान होना चाहिए, और हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है।

मोदी जी ने बच्ची को एक उपहार भी दिया, और उसके चेहरे पर खुशी देखना सभी के लिए एक अमिट याद बन गया। यह घटना वडोदरा के लोगों के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बन गई और उन्होंने प्रधानमंत्री के इस मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की। 

इस प्रकार, यह सड़क पर एक साधारण मुलाकात ने न केवल उस दिव्यांग बच्ची की जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि सभी लोगों को यह सिखाया कि सच्ची नेतृत्व क्षमता केवल शक्ति में नहीं, बल्कि करुणा और संवेदनशीलता में होती है।

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